जब भी हम किसी ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट देखते हैं, तो उसमें कई शब्द होते हैं — जैसे Hemoglobin, WBC, Platelets और RBC.
इनमें से RBC सबसे अहम होती है, क्योंकि ये हमारे शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है।
अगर RBC ठीक से काम न करें, तो शरीर की हर कोशिका ऑक्सीजन की कमी महसूस करने लगती है — और फिर कमजोरी, थकान, या चक्कर जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
RBC क्या होती है (RBC Meaning in Hindi)

RBC का फुल फॉर्म है Red Blood Cell, यानी लाल रक्त कणिका।
यह हमारे खून की सबसे ज़्यादा मात्रा में पाई जाने वाली कोशिका है।
अगर हमारे शरीर में कुल खून 5 लीटर है, तो उसमें लगभग 40% हिस्सा सिर्फ RBC का ही होता है।
इनका काम बहुत सरल लेकिन बेहद जरूरी है — फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाना और वहां से कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाना।
इसलिए RBC को हमारे शरीर का ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम कहा जाता है।
🔹 RBC कहां बनती है
RBC का निर्माण हमारी हड्डियों के अंदर मौजूद बोन मैरो (Bone Marrow) में होता है।
बोन मैरो को आप हड्डियों के अंदर का “फैक्ट्री एरिया” समझिए, जहां नई RBC, WBC और प्लेटलेट्स बनाई जाती हैं।
जब हम छोटे होते हैं, तब लगभग हर हड्डी RBC बनाती है,
लेकिन बड़े होने पर मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी (spinal bones), खोपड़ी, पसलियां, और कूल्हे की हड्डी (pelvis) RBC बनाती हैं।
🔹 RBC का आकार और बनावट
RBC का आकार बहुत खास होता है — ये गोल और बीच में थोड़ी धंसी हुई (biconcave disc) होती हैं।
इस आकार की वजह से यह आसानी से शरीर की पतली-से-पतली नसों (capillaries) में घूम सकती हैं और हर कोशिका तक ऑक्सीजन पहुंचा सकती हैं।
RBC के अंदर कोई नाभिक (nucleus) नहीं होता, जिससे इसमें ज़्यादा जगह बनती है हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) के लिए।
हीमोग्लोबिन ही वह पदार्थ है जो ऑक्सीजन को पकड़कर शरीर में घुमाता है।
यही वजह है कि RBC लाल रंग की दिखती है — क्योंकि हीमोग्लोबिन लाल होता है।
🔹 RBC का जीवनकाल (Life Span of RBC)
हर एक RBC लगभग 120 दिन तक जिंदा रहती है।
इसके बाद यह पुरानी हो जाती है और शरीर की तिल्ली (Spleen) उसे तोड़कर खत्म कर देती है।
पुरानी RBC के टूटने से जो आयरन निकलता है, उसका उपयोग नई RBC बनाने में कर लिया जाता है।
यह एक सतत प्रक्रिया (continuous process) है —
यानी शरीर में हर दिन नई RBC बनती हैं और पुरानी खत्म होती हैं, ताकि ऑक्सीजन की सप्लाई कभी रुके नहीं।
🔹 RBC में क्या पाया जाता है
RBC के अंदर सबसे अहम चीज़ होती है हीमोग्लोबिन (Hemoglobin)।
यह एक खास प्रोटीन है जो ऑक्सीजन को पकड़कर शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचाता है।
जब RBC फेफड़ों से होकर गुजरती है, तो हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को पकड़ लेता है।
फिर जब वह शरीर के किसी हिस्से में पहुंचती है, तो वहां ऑक्सीजन छोड़ देता है और कार्बन डाइऑक्साइड उठा लेता है।
इसी प्रक्रिया से हमारी सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया (Respiration) पूरी होती है।
🔹 RBC की सामान्य मात्रा (Normal Range of RBC)
RBC की संख्या खून के हर माइक्रोलिटर में गिनी जाती है।
सामान्य रेंज इस प्रकार है:
| व्यक्ति का प्रकार | सामान्य रेंज (प्रति माइक्रोलिटर खून में) |
|---|---|
| पुरुष | 4.7 से 6.1 मिलियन |
| महिला | 4.2 से 5.4 मिलियन |
| बच्चे | 4.1 से 5.5 मिलियन |
अगर RBC की संख्या इस सीमा से ज्यादा या कम हो जाए, तो इसका असर पूरे शरीर पर दिखता है।
🔹 RBC बढ़ने पर क्या होता है
जब RBC ज़रूरत से ज़्यादा बनती हैं, तो खून गाढ़ा हो जाता है।
ऐसे में दिल को खून पंप करने में ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
RBC बढ़ने के कारण:
- शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
- स्मोकिंग
- ऊँचाई वाले इलाकों में रहना
- फेफड़ों या दिल की बीमारियां
संकेत:
- सिरदर्द, चक्कर, थकान
- चेहरे पर लालिमा
- सांस लेने में तकलीफ
🔹 RBC कम होने पर क्या होता है
अगर RBC की संख्या कम हो जाए, तो शरीर में ऑक्सीजन कम पहुंचती है।
इसे ही हम एनीमिया (Anemia) कहते हैं।
RBC कम होने के कारण:
- शरीर में आयरन, विटामिन B12 या फोलिक एसिड की कमी
- किसी चोट या बीमारी से खून की कमी
- किडनी या बोन मैरो में समस्या
लक्षण:
- लगातार कमजोरी या थकान
- चक्कर आना या सिर भारी रहना
- त्वचा का पीला पड़ना
- दिल की धड़कन तेज होना
🔹 RBC की जांच कैसे की जाती है
RBC की जांच CBC (Complete Blood Count) टेस्ट से होती है।
इसमें खून की एक बूंद से ही RBC, WBC, Platelets और Hemoglobin की मात्रा मापी जाती है।
रिपोर्ट में “RBC Count” लिखा होता है, जिसके आगे उसका नंबर दिया रहता है।
अगर यह संख्या नॉर्मल रेंज से बाहर है, तो डॉक्टर आगे के टेस्ट या इलाज की सलाह देते हैं।
🔹 RBC को स्वस्थ कैसे रखें
RBC को सही रखने के लिए रोज़मर्रा की जिंदगी में कुछ आसान चीजें अपनानी चाहिए:
- 🥬 आयरन वाला खाना खाएं — पालक, चुकंदर, गुड़, दालें, अनार और हरी सब्जियां।
- 🥚 विटामिन B12 और फोलिक एसिड लें — दूध, अंडे, सूखे मेवे, केले, और हरी पत्तेदार सब्जियां।
- 💧 पानी खूब पिएं — शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें।
- 🚭 स्मोकिंग और शराब से दूरी रखें — ये RBC को नुकसान पहुंचाते हैं।
- 🏃 एक्सरसाइज करें — हल्की वॉक या योग से खून का संचार बेहतर होता है।
- 🩺 नियमित जांच करवाएं — साल में एक बार CBC टेस्ट कराना अच्छी आदत है।
💡 निष्कर्ष (Conclusion)
RBC हमारे शरीर के सबसे मेहनती सेल हैं। ये बिना रुके दिन-रात काम करती हैं ताकि हर अंग को ऑक्सीजन मिलती रहे।
अगर RBC की मात्रा कम या ज़्यादा हो जाए, तो उसका असर पूरे शरीर पर दिखता है। इसलिए संतुलित आहार, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत ज़रूरी है। याद रखिए, अगर RBC सही है — तो शरीर में एनर्जी भी सही रहेगी।


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